गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

इसे मेरा रिज़्यूम समझें

                                     Artist - Rajkumar Sahni





















समय में कोई खराबी नहीं है  
और दुनिया के सारे पेंच कसे हुए हैं
जबकि मै कोई इंजीनियर होने कि बजाय
एक तीस साल का शराबी और गंजेड़ी हूँ
जिसके पास कुल जमा
डेढ़ दो सौ अधूरी कवितायेँ
चौबीस पच्चीस अनलिखी कहानियां
और अपनी पूरी ढीठता के साथ
बहुत सारी विनम्रता विरासत में मिली हुई
और तीन रंडियों के साथ सोने का अनुभव है
हालांकि मेरे मित्र ये भी कहते हैं
कि मुझमे एक अच्छा फिल्ममेकर और चित्रकार होने के
सारे गुण मौजूद हैं
(और उनकी इस बात पर मै यकीन करता हूँ)
आप चाहें तो इसे कविता कि तरह भी पढ़ सकते हैं
पर इतने से अगर कहीं काम मिलता हो
तो इसे मेरा रिज़्यूम समझें.

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