रविवार, 15 सितंबर 2013

बेचारे शब्द

                                                                  Artist - Tulsi Ram

















बाप रे 
कितना तो सहते हैं 
ये बेचारे शब्द 
भीतर का सारा मैल  उड़ेल दो इन पर 
फिर भी बिना उफ्फ किये
चुपचाप बिछते चले जाते हैं पन्ने पर 
तुम्हारा क्या है 
तुम तो जनाब चल दिए मुँह उठाए 
दुःख बटोरने 
पर लाकर मत्थे तो मढोगे इन्ही शब्दों के सर 
उस  पर भी तुर्रा ये 
कि अनुभव हैं 
अरे महराज 
अपने पिछवाड़े डालो ये अनुभवों की पोटली 
जिनसे ना ढँग की कविता बनती है 
और ना कोई काम
ऊपर से शब्दों का जो हर्जा होता है 
सो अलग. 

शनिवार, 14 सितंबर 2013

इस तरह चुटकुले का जन्म हुआ

                                                       Artist - Raj kumar Sahani 













शहर में
वो एक अकेला इतना भूखा था
की पूरा शहर निगल गया.

"कितना बड़ा शहर था?"
नायिका पूछती है

"नंगेपन की दूसरी कोई परिभाषा नहीं"
कहकर नायक अपने कपडे उतरता है.

"मेरे पीरियड्स चल रहे हैं वरना हम साथ सो सकते थे."
नायिका कहती है

नायक के दिमाग में खरगोश है

"मैंने कभी खरगोश का गोश्त नहीं चखा"
नायक सोचता है

और कुछ नहीं होता
जैसे कभी कुछ नहीं होता

"हमेशा हर वक्त कुछ ना कुछ  होते रहता है फिर भी  हम बस हो चुके को बार बार दुहराते रहते हैं और एक दिन मर जाते हैं जबकि मरने से पहले हमें कुछ करना चाहिए जिसका कुछ मतलब निकलता हो वरना मैं अभी ही मर जाऊंगा।"
कहकर नायक रोने लगता है

नायिका हंसती है और अपने कपडे उतारती है

कविता कहानी के साथ सोती थी
और रोती थी
इस तरह चुटकुले का जन्म हुआ
आओ हम सब मिलकर इस चुटकुले पर हंसें।

सोमवार, 9 सितंबर 2013

आसमान में चुप्पी का मतलब

                                                                  Artist - Ramkumar

















आसमान में चुप्पी का मतलब
मैं चाँद की रौशनी में
गाँव को याद करता हूँ
मुनगे की छितराई छाँव में
घर को टटोलता हूँ
हाट हटरी के शोर में
पिताजी को देखता हूँ
मन की मछली खरीदते
जिसे घर लाकर वो स्वयं पकाते हैं
चुल्हा भाभीजी जलाती हैं
मसाला पीसकर मछली माँ तलती हैं
की अगर चूल्हा भाभीजी ना भी जलाएं
तो भी चाँद की हलकी आंच पर
पिताजी मछली तल ही लेंगे
ऐसा मैं सोचता हूँ
और चाँद मुस्कुराने लगता है

आसमान में चुप्पी का मतलब
आँगन में लेटे पिताजी की खांसी है
और भिनसरहा में
माँ की खरहरी झाड़ू का शोर है

आसमान में चुप्पी का मतलब
मेरे घर पहुँचने तक का रास्ता है।