बुधवार, 9 जुलाई 2014

सबसे नकली कवि

                                        Artist - Francis Bacon


























इस ईमान पोंकते समय में
कैसे लिखूँ
एक ईमानदार कविता
मेरी बेईमानी तो कविता के पहले अक्षर से ही रंग पकड़ लेती है
मैं लिखता हूँ सिर्फ इसलिए
कि खाली दिन की बीमारी और बोझिलता कुछ कम
 हो

इंटरनेट पर पोर्न फिल्में देखना
खुली आँखों से
सड़क  पर चलती लड़कियों के
उभारों और किनारों पर
लपलपाना थपथपाना
किसी बहुत चुतियाप भरी बात पर झल्लाना
बड़बड़ाना
गिड़गिड़ाना
और कोरे कुँवारे पन्ने पर कोई बकवास सी कविता
लिखना
दीखना
जैसे गायब हूँ
इन्हे करने में मेरी उतनी ही ईमानदारी है
जितना की
अपने मरे हुए पिता से प्रेम

मैं इस असली और ईमानदार समय का
सबसे नायाब नगीना
कविताएँ हगता हुआ
सच और सही को
ठगता हुआ
सबसे नकली
कवि हूँ
रवि हूँ
हूँ।

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