शुक्रवार, 27 मार्च 2015

लाली

                                       Artist - Myself





















एकदम खौलते हुए दिन से
छानकर निकाला है तुम्हे
चाँद की तरह
चिकनी गोरी गोल मोल छल्ला
गले में कसता हुआ
फँसता हुआ
हँसता हुआ मैं
हा हा हा ...


अरे भोली
तेरे जीभ की नोक पर
जो ज़हर है
उसे ही चाटकर धूप इतना नीला है
की जिसमे उबलते हुए
मैं लाल हुआ जाता हूँ
जैसे सेब लाल होता है
जैसे लाल लाल होता है
जैसे तू लाल है

लाली.

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