मंगलवार, 26 जनवरी 2016

मह मह महकते मोगरे की तरह

                                                                           Artist - Myself





















मह मह महकते मोगरे की तरह
सूंघता हूँ तुम्हे
बहुत थका होने पर भी
भागकर चढ़ जाता हूँ सीढियाँ
चौथे माले के हमारे कमरे तक
रोज़ आती है एक अदृश्य गौरैय्या
तुम्हारे चहचहाने में शामिल
हमारे शामिल से गायब
उदासी जो मेरे साथ बड़ी हुई थी
कहीं रखकर भूल गया हूँ
कौन है जिसे याद कर मुस्कुराती हो
जब अपने जलते हुए सीने में नंगे पाँव दौड़ता हूँ
धीरे से फुसफुसाकर कह दिया करो
मैं थोड़ी देर और सो लूंगा
तुम थोड़ा सा और हंस लेना।