शनिवार, 30 मार्च 2013

बेशरम

                                           Artist - Ashutosh Tripathi






















अपनी एक गलती पर
मुझे सौ बार शर्मिन्दा होना होता है
फिर इस सौ बार शर्मिन्दा होने को
मै दूसरी गलती की तरह गिनूंगा
जिसके लिए मुझे अलग से
अकेले में
फिर शर्मिन्दा होना होगा
ये खुद से खुद के लिए शर्मिन्दा होना है
जिसमे मै मुस्कुराते हुए कहूँगा
अरे साला फिर गलती हो गई.

दरअसल
ये कहना ही  
अगले गलती की तैय्यारी है
बेशरम.

गुरुवार, 14 मार्च 2013

ला लल्लल्ल ला लाल लाल

                                              Photographer - Mehdi Jahan
















बहुत उदासी थी
कि जब भी तुम्हे सोचता
एक फूल का उसी वक्त झर जाना होता
जबकि पिछले मौसम के इन्ही दिनों में
एक शाम थी
एक शाम है
और मेरे सामने से ही एक सांप गुज़रा
दूर दूर तक फैली भीड़ के बीच से 
सरसराते हुए.

इतनी उदासी में
कि जब भी तुम्हे भूलता
एक चिड़िया का उसी वक्त डर जाना होता
जबकि इस मौसम के पिछले दिनों में
मैंने एक बैल के सींग काटे
एक सूअर को हलाक किया
और एक कुत्ते के पूँछ में लाल रिब्बन बाँधा.

अच्छी उदासी है
और जबकि तुम नहीं हो इन्ही दिनों में  
खूब सारे सेमल के फूल दिखते हैं
ला लल्लल्ल ला लाल लाल.