Artist - Ashutosh Tripathi |
अपनी एक गलती पर
मुझे सौ बार शर्मिन्दा होना होता है
फिर इस सौ बार शर्मिन्दा होने को
मै दूसरी गलती की तरह गिनूंगा
जिसके लिए मुझे अलग से
अकेले में
फिर शर्मिन्दा होना होगा
ये खुद से खुद के लिए शर्मिन्दा होना है
जिसमे मै मुस्कुराते हुए कहूँगा –
“अरे साला फिर गलती हो गई.”
दरअसल
ये कहना ही
अगले गलती की तैय्यारी है
बेशरम.
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