Artist - Ram Dongre |
एक
उस आदमी के पेट में
मछलियाँ तैरती थीं
और दिल में
गौरैय्या चिड़ियों का झुण्ड
और दिमाग़ में
सिर्फ ज़हरीले साँपों का गुच्छा
भला कब तक जीता ऐसे
मर गया बेचारा
या मार दिया गया हो
पता नहीं
सम्भावना तो आत्महत्या जैसी भी है.
दो
छोटे शहर या शायद किसी गांव से आया आदमी था
बड़े शहर में आकर
और छोटा हो गया आदमी
इतना छोटा
कि चींटियों ने
शक्कर के दाने कि तरह कुतरकर चट्ट कर लिया।
तीन
आदमियों जैसी कोई आदमियत न थी उसमे
इस तरह का आदमी
कि सारे आदमीयों की राय में
अच्छा आदमी
इतना
कि सब कहते
अच्छा आदमी है
इसे मर जाना चाहिए
वरना मार दिया जाएगा
ऐसा आदमी।
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