बुधवार, 10 अगस्त 2011

हरियाली का गीत

                                                           Artist - Raj Kumar Sahni

एक दिन के लिए ही सही 
मनुष्य ने अपनी सारी कमज़ोरियों को
धूप में सूखने के लिए डाल दिया 
और मछलियों ने इस पूरे किस्से को 
किसी लोकगीत की तरह गुनगुनाया .

जबकि उम्मीद शब्द एक झुनझुना है 
और हरियाली के गीत 
हमेशा ही किन्ही उदास कवियों ने लिखा है 

अगर इसे दूसरी तरह से कहूँ 
तो मै ये देखता हूँ
की कहीं किसी सुदूर रेगिस्तान में 
एक आदमकद आइना है रखा हुआ 
जिस पर प्रतिबिंबित होती छवि 
समूची कायनात है 
और यकीन मानिए
मैंने उस पर कभी धूल की एक परत तक नहीं देखी

एक दिन के लिए ही सही
ऐसी ख़ुशफ़हमी भी क्या बुरा। 

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