सोमवार, 3 दिसंबर 2012

मै हंस रहा था

                                Artist - Jiten Sahu




















एक दिन मै उदास था
बहुत उदास
और तब
एक प्यारी सी बच्ची मेरे पास आई
और अपनी बंद मुट्ठियाँ
मेरे आगे बढ़ाकर कहा
इनमे रंगीन तितलियों कि छुअन है
खट्टे इमली कि गंध
और कच्चे बेरों कि मिठास है
और मेरे मासूम गुड़ियों कि खिलखिलाहट भी 
कल रात ही इनमे मैंने सितारों को भिंचा था
और सुबह सूरज को
इन्ही मुट्ठियों से निकलकर उगना पड़ा है
तुम मेरी इन मुट्ठियों को खोलो
और अपने लिए
जिंदगी के कुछ मानी चुन लो
कुछ मुस्कुराहटें खींच लो
और बहुत हुआ अब हंस भी दो

हा हा हा ....
मै हंस रहा था.

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