सोमवार, 13 मई 2013

भांड में जाता हूँ मैं भी

                                                    Artist - Rajkumar Sahni















भांड में गई ऐसी विनम्रता
और
सही होने की ज़िद
जिसमे कछुवे कि तरह जीते हुए
तीन सौ साल लंबी ऊब और उम्र मिले
और
आखिर में एक तस्वीर
जिसमे हम 
फटे हुए चूत कि तरह मुस्कुराते दिखें
और
भांड में गई ऐसी नैतिकता
कि उनके घटियापन को उस्तादी कहूँ
और अपने बेवकूफियों को बकचोदी
और हँसता रहूँ इस बात पर
कि मुझे सिर्फ उदास चेहरे ही पसंद आते हैं
और
भांड में गए वे सारे लोग 
जिनके नहीं होने से भी
मैं तो हूँ ही
फिर क्या अचार डालूँ उनके होने का
इसलिए चलो
भांड में जाता हूँ मैं भी.

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