Artist - Myself |
दिल्ली पे
थूक दो
मूत दो
चाट लो
बाँट लो
चढ़ जाओ
डर जाओ
लड़ जाओ
मर जाओ
दिल्ली चालाक है
कुतिया बदज़ात है
दिल्ली को
काट दो
छील दो
हूँक दो
फूँक दो
तोड़ दो
मोड़ दो
पकड़ के
रगड़ दो
दिल्ली में शोर है
दिल्ली कमज़ोर है
दिल्ली में
रंग है
ढंग है
अंग है
संग है
माँ कसम दिल्ली
बेरंग और बेढंग है
फिर भी रहना दिल्ली में
हैं जी मीर जी ...
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