Artist - Rajkumar Sahni |
मै इतना खाली था
कि अचानक से भर गया
एक बड़े घास के मैदान से
उसमे घास चरती गाएँ थीं
खेलते हुए हुड़दंगी बच्चे थे
मैदान को घेरे हुए, हरहराते पेड़ थे
नीली पारदर्शी हवा
और एक लड़की
जो दिखती हुई सी ओझल थी
मै उसका चेहरा
कुँए कि तरह झाँकना चाहता था
इस कोशिश में
मैंने
मैदान में कूदना चाहा
और झर गया.
फिर से एक कमरा
था
एक बिस्तर
और मेरे
साथ
दीवार पर
सोयी छिपकली.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें