Artist - Pramod Kashyap |
एक दिन मैंने पहाड़ से कहा -
पहाड़
मै तुम्हारी तरह होना चाहता हूँ
सोना चाहता हूँ
भीतर तक हरे नींद से लबालब भरकर
रोना चाहता हूँ
इतना
की भीतर का सारा मैल धुल जाए
पहाड़
मै तुम्हारी ही तरह बड़ा होना चाहता हूँ
बहुत बड़ा
इतना
की सारी तकलीफें और दुख
छोटे और छिछोरे जान पड़ें
पहाड़ ने मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा
और आंखे मूँद ली
और ढेर सारे पत्ते एक साथ झरने लगे .
दरअसल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें