जब मै अकेला होता हूँ
तो ऊबता हूँ
और लोगों के साथ होने पर
अकेले होने की कामना करता हूँ,
जब मै कहता हूँ की वो ढोंग था,
तो उसका मतलब सचमुच का ढोंग होता है
और जब मै ये कह रहा होता हूँ
तो ये भी एक ढोंग होता है.
२.
मै देर तक सोने के लिए शर्मिदा हूँ
मै धूप में खड़ा उदास हूँ
मै इस उदासी को देखकर
मुस्कुराता हूँ
और दूसरे दिन फिर शर्मिंदा होता हूँ
३.
मै कविता की बात नहीं कर रहा हूँ
और पुराने दोस्तों की तो मुझे याद भी नहीं
अब तो उनके चेहरे भी भूलता जा रहा हूँ
और आखिरी कविता मैंने कौन सी पढ़ी थी ?
नहीं जी
मै कविता की बात नहीं कर रहा
और न ही प्रेम की .
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