Artist - Myself |
तुम नाहक ही चिडचिडाती हो मेरी जान
तुम्हारे ख़त्म हो चुके शैम्पू की बोतल
और चमक खो चुके सैंडिल के बीच
एक खाली खुली आलमारी है
जिसे जाने तुम किन - कौन चीजों से
पाटना - ढांपना चाहती हो
जबकि मैं तो बस इतना ही कह रहा हूँ
की मेरे पीठ के पिछले हिस्से में
जहाँ मेरे हाथ नहीं पहुँचते
ज़रा साबुन ही मल दो
आजकल बड़ी खुजली रहती है वहाँ.
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