रात का जागना
को चेहरे से उतारकर कमोड
में टट्टी के ट के साथ बहा देना
ये ज़िन्दा पानी का अँधेरे
में डूबकर मर जाने की कहानी है
इतना भरा हुआ
जैसे कोई काम नहीं
की तरह रोज़ एक कविता
लिखूंगा
सोचकर खुश हो जाता हूँ
मुझे रोज़ एक कविता लिखनी
ही होगी
सोचकर दुखी हो जाने जैसा
इतनी
मेरे आस पास दुनिया
कितनी ??
जानने के लिए कविता
लिखूंगा
सोचकर परेशान हूँ
कमोड में बैठकर सिगरेट
फूंकते हुए.
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