Artist- Louise Bourgeois |
तुम्हे कुतिया कहने के लिए
मुझे कविता में कुतिया लिखना था
सिर्फ अच्छा अच्छा सोचूंगा
सोचते हुए
मै उस कहानियों वाले राजा के बगल से गुज़रता हूँ
जो अपने मूंछों के बाल गिनवाने को नौकर रखता था
पर बात यंही खत्म नहीं होती
और दृश्य में तुम भी थी
और मै भी था
और एक लंगड़ा आदमी
जो तुमसे बात करते हुए
मेरी हकलाहट से पैदा हुआ था
इस हकलाहट को मै कविता कहना चाहता था
पर दृश्य में तुम भी थी
तो तुम्हे कविता कहते हुए
अपने लिए कुत्ता लिखता हूँ
बोले तो इस बसंत में हम मिलकर
फिर सूखे पत्ते जनेंगे
जबकि राजा के मूंछों पर बहार आई है.
achcha hai bhai
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